Putna Ka Vadh | पूतना का वध

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Lord Krishna Killing Demon Putna – A short story ‘Putna Ka Vadh’ on how Lord Krishna killed demon putna in his childhood who was sent by Kans.

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Lord Krishna

कंस, अत्याचारी राजा, बाल गोपाल कृष्ण के जीवन का शत्रु था। उसकी मृत्यु का भय उसे सता रहा था। वह कृष्ण को मारने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा था। उसने शक्तिशाली राक्षसों को भेजा, लेकिन बाल लीला के आगे उनकी हार निश्चित थी।

एक बार, कंस ने पूतना नाम की एक राक्षसी को कृष्ण का वध करने के लिए भेजा। पूतना ने एक सुंदर स्त्री का रूप धारण किया और गोकुल में पहुंची। वह घर-घर जाकर कृष्ण की तलाश करने लगी। जो भी बच्चा उसे मिलता, वह उसे अपना विषैला दूध पिलाकर मार देती।

जब पूतना कृष्ण के घर पहुंची, तो भगवान कृष्ण को पता चल गया कि वह एक राक्षसी है। पूतना ने कृष्ण को गोद में उठाकर अपना जहरीला दूध पिलाना शुरू किया। लेकिन कृष्ण ने दूध पीते हुए ही पूतना की जान ले ली।

पूतना का वध: एक दिव्य दृश्य

पूतना ने कृष्ण को अपना विषैला दूध पिलाया। जैसे ही दूध कृष्ण के मुख में गया, पूतना की आंखों में एक चमक आ गई। उसे लगा कि कृष्ण अब मर जाएगा। लेकिन जैसे ही दूध कृष्ण के पेट में पहुंचा, पूतना का शरीर तड़पने लगा। दर्द से कराहती हुई, पूतना कृष्ण को लेकर आसमान में उड़ गई।

कृष्ण के हाथ में एक अदृश्य शक्ति थी। जैसे ही पूतना उड़ने लगी, कृष्ण ने अपने हाथों से पूतना के शरीर को दबाया। पूतना का शरीर तड़पता हुआ जंगल की ओर गिरने लगा। जब पूतना जंगल में गिरी, तो उसके शरीर से एक तीव्र रोशनी निकली और वह मर गई।

भगवान कृष्ण की दिव्य शक्ति का प्रदर्शन:

इस घटना ने भगवान कृष्ण की दिव्य शक्ति का प्रदर्शन किया। भगवान कृष्ण ने पूतना को मारने के लिए कोई हथियार नहीं इस्तेमाल किया। उनकी दिव्य शक्ति ही पूतना का अंत करने के लिए पर्याप्त थी। यह घटना भक्तों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। यह दिखाता है कि भगवान की भक्ति और आस्था के साथ कोई भी विपत्ति दूर हो सकती है।

कंस के अंत की ओर एक कदम:

यह घटना कंस के अंत की ओर एक कदम थी। भगवान कृष्ण की दिव्य शक्ति ने कंस को समझा दिया कि उनके विरोध का परिणाम विनाश होगा।

भक्तों के लिए प्रेरणा:

भगवान कृष्ण की भक्तों के लिए यह घटना एक प्रेरणा का स्रोत है। यह दिखाता है कि भगवान की आस्था और भक्ति के साथ कोई भी चुनौती पार की जा सकती है। भगवान की शक्ति असीम है और वह अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।

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