हिंदी कला यहाँ आपके लिए प्रस्तुत कर रहे है Shayari on Maa मतलब ‘माँ के लिए शायरियाँ | हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ अर्थात जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है |
यहां पर हम कोशिश करेंगे कि आपको ज्यादा से ज्यादा मां के ऊपर (Shayri on Mom) लिखी हुई शायरियां प्रस्तुत करने का प्रयास करें।
यहां पर दी गई सारी Hindi Shayri इंटरनेट पर कई जगहों से और कई पुराने पेज और social media से एकत्रित की गई है अतः इनमे से कुछ रचनाओं का स्रोत पता लगा पाना और सही रचनाकार का पता लगा पाना बहुत मुश्किल है। अपितु जिन रचनाकारो की जानकारी हमें पता है, उनका हम यहां पर नाम लिखने का प्रयास करेंगे।
यदि आपको लगता है कि इसमें आपकी कोई रचना है और आप अपनी उस रचना को इस पेज पर नहीं चाहते तो हमारे Contact Us पेज पर जाकर आप हमें ईमेल कर सकते हैं।
आप इन सारी शायरियों को Hindi Shayri Status के रूप में भी अपने Whatsapp Hindi Status की तरह यूज कर सकते हैं।
यहां पर हम कुछ रचनाओं की Shayri Photo भी प्रस्तुत कर रहे हैं जो आप अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं और अगर आप चाहे तो इन Shayri Wallpaper को अपने मोबाइल फोन पर भी यूज कर सकते हैं।
इनमें से बहुत सी Emotional Shayri भी है क्योंकि माँ के लिए कही गयी यह शायरियाँ आपको बहुत भावुक भी कर देती है।
आपको इनमें से कौनसी शायरी सबसे ज्यादा पसंद आयी है वह हमे नीचे कमेंट करके बताये और अगर आपके पास भी कोई बहुत अच्छी माँ के लिए कही गयी शायरी हो तो वह भी हमको कमेंट में या हमे ईमेल लिखकर बताये। अगर वह सच में बहुत अच्छी हुयी तो हम उसे इधर इस संकलन में स्थान देंगे।
Shayari on Maa
अपने हिस्से के निवाले भी लुटा देती है
कितना दुश्वार है औरत के लिए माँ होना
आज फिर उसकी माँ परियों की कहानी सुनायेगी
राशन लेने गया उसका बाप ठेके पर पड़ा है.
आँसू-सा माँ की गोद में आकर सिमट गया
नज़रों से अपनी मुझको गिराने का शुक्रिया
उसे बिकता हुआ देखा तो अश्कों ने भिगो डाला
करूं क्या एक की चर्चा, यहाँ आवाम बिकता है
सिसकती माँ के आँचल से तड़प कर भूख से रोया
मिला कर दूध में पानी, तो सुबहो शाम बिकता है
एक रोता हुआ भूखा बच्चा था उसके हाथ में
अब इसके आगे… उस माँ की दास्तां क्या कहूँ
ऐ माँ मुझे फिर से मेरा बस्ता दे दे
के दुनिया का दिया सबक मुश्किल बहुत है
और क्या बयां करूँ, क्या बीती उस माँ के दिल पर
साड़ी लाने वाला बेटा, खुद आया तिरंगे में लिपटकर
कितनी मज़बूर है वो माँ जो मशक़्क़त करके
दूध क्या ख़ून भी छाती का सुखा देती है
कुछ देर बस पास बैठ जाऊँ
माँ अब ओर कुछ नही चाहती हैं
खिलोने बेचकर माँ का पेट भरा इक रात
मुफलिसी ने बच्चे को इंसान बना दिया
ग़रीब माँ अपने बच्चों को बड़े प्यार से यूँ मनाती है
फिर बना लेंगे नए कपडे ये ईद तो हर साल आती है
गिरजा में इक मोम की मरियम रखी थी
माँ की गोद में गुजरा बचपन याद आया
Shayari on Maa
Mothers Day Shayari
घड़ा सर पर रख बड़ी दूर से पानी लाती है
माँ की होली तो रोज़ होती है~वो रोज़ भीग जाती है
घास पर खेलता एक बच्चा,पास माँ बैठी मुस्कुराती है,
मुझको हैरत है जाने क्यूँ , दुनिया केदारनाथ जाती है
चलती स्कूल बस के पीछे
टीफ्फिन ले कर दौड़ती माँ
इबादत इससे बड़ी…भला और क्या हो?
ज़रा-सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाये
दिये से मेरी माँ मेरे लिए काजल बनाती है
जली रोटियों पर बहुत शोर मचाया तुमने
माँ की जली उँगलियों पर भी कुछ कह देते
तुम चाहो तो कोरे कागज पर आडी तिरछी रेखाएं खीच दो,
कुछ रिश्तों को कभी लफ्जों की दरकार नही रहती,
फौजी की अनपढ़ माँ खत को सीने से लगाकर सोयी है!
तेर दामन में सितारे होंगे तो होंगे ऐ फ़लक
मुझे मेरी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी
दबी सिकुड़ी तेरे डिब्बे की वो रोटियाँ कहीं बिकती नहीं
माँ महँगे होटलों में अब भी…. भूख मिटती नहीं
पूरे घर को महकाता है
माँ का माला जपना साहिब
पैसों के बदले बच्चों से माँग रहे हैं मुस्कानें
जैसे ये माँ-बाप न होकर, रिश्वत के बाज़ार हुए
बच्चे से पूछो जरा सबसे अच्छा कौन
उंगली उठे उधर जिधर माँ बैठी हो मौन
Shayari on Maa
बहुत दिनों बाद पहना आज,
माँ ने स्वेटर अपने हाथों से बुना था,
लगा जन्नत पहनी हो जैसे
Maa Par Shayari
मकाँ पुरखों का बेच आया यहाँ बसने की ख्वाहिश में
मैं बूढी माँ को कुदरत के हवाले छोड़ आया था
माँ की आगोश में कल मौत की आगोश में आज
हम को दुनिया में ये दो वक्त सुहाने से मिले
माँ ने उम्र भर घर में नौकरी की
पर कभी तनख्वा नहीं ली
माँ ने कहा रसोई गैस फिर खत्म हो गयी
पापा ने अखबार ने नज़रें हटा कर माँ की और देखा
और फिर अख़बार पढने लगे
माँ ने दूध में ज़रा सा पानी मिलाया था
बच्चे दो थे, हिसाब लगाया था
माँ बाप की बूढी आँखों में एक फिक्र सी छाई रहती है
जिस कम्बल में सब सोते थे अब वह भी छोटा पड़ता है
माँ है तो मुमकिन है शहंशाह होना,
माँ के आँचल से बड़ा दुनिया में कोई साम्राज्य नहीं
मैंने छिपा रक्खी थी, कुछ लोरियां माँ की
आज कल बालकोनी में उन्हें मैं फूंक आता हूँ
रोटियाँ माँ की घर में ठंडी होने लगी
बच्चे लौटे पार्टियों से देर तक
शौहर बोला क्यों कडुवाहट घोले जाती है
माँ पाग़ल है, बेमतलब ही बोले जाती है
Shayari on Maa
सोचता हूँ पूछूं माँ से,
कितना मुश्किल है आसां होना
Munawwar Rana Shayari on Maa
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई
मुझे कढ़े हुए तकिये की क्या ज़रूरत है
किसी का हाथ अभी मेरे सर के नीचे है
भेजे गए फ़रिश्ते हमारे बचाव को
जब हादसात माँ की दुआ से उलझ पड़े
मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ
माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ
बुज़ुर्गों का मेरे दिल से अभी तक डर नहीं जाता
कि जब तक जागती रहती है माँ मैं घर नहीं जाता
Shayari on Maa
दिन भर की मशक़्क़त से बदन चूर है लेकिन
माँ ने मुझे देखा तो थकन भूल गई है
दावर-ए-हश्र तुझे मेरी इबादत की कसम
ये मेरा नाम-ए-आमाल इज़ाफी होगा
नेकियां गिनने की नौबत ही नहीं आएगी
मैंने जो मां पर लिक्खा है, वही काफी होगा
कुछ नहीं होगा तो आँचल में छुपा लेगी मुझे
माँ कभी सर पे खुली छत नहीं रहने देगी
मामूली एक कलम से कहां तक घसीट लाए
हम इस ग़ज़ल को कोठे से मां तक घसीट लाए
Munawwar Rana Maa Shayari
छू नहीें सकती मौत भी आसानी से इसको
यह बच्चा अभी माँ की दुआ ओढ़े हुए है
हादसों की गर्द से ख़ुद को बचाने के लिए
माँ ! हम अपने साथ बस तेरी दुआ ले जायेंगे
मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दीं
सिर्फ़ इक काग़ज़ पे लिक्खा लफ़्ज़—ए—माँ रहने दिया
अब भी चलती है जब आँधी कभी ग़म की ‘राना’
माँ की ममता मुझे बाहों में छुपा लेती है
अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कु्छ भी नहीं होगा
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है
जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है
मां दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है
जब तक रहा हूँ धूप में चादर बना रहा
मैं अपनी माँ का आखिरी ज़ेवर बना रहा
मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू
मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना
बहन का प्यार माँ की ममता दो चीखती आँखें
यही तोहफ़े थे वो जिनको मैं अक्सर याद करता था
मुक़द्दस मुस्कुराहट माँ के होंठों पर लरज़ती है
किसी बच्चे का जब पहला सिपारा ख़त्म होता है
Shayari on Maa
Maa Status in Hindi
ज़रा सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाये,
दिये से मेरी माँ मेरे लिए काजल बनाती है
चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है
माँ के आगे यूँ कभी खुल कर नहीं रोना
जहाँ बुनियाद हो इतनी नमी अच्छी नहीं होती
दुआएँ माँ की पहुँचाने को मीलों मील जाती हैं
कि जब परदेस जाने के लिए बेटा निकलता है
लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती
यहीं रहूँगा कहीं उम्र भर न जाउँगा
ज़मीन माँ है इसे छोड़ कर न जाऊँगा
दिया है माँ ने मुझे दूध भी वज़ू करके
महाज़े-जंग से मैं लौट कर न जाऊँगा
खाने की चीज़ें माँ ने जो भेजी हैं गाँव से
बासी भी हो गई हैं तो लज़्ज़त वही रही
मुसीबत के दिनों में हमेशा साथ रहती है
पयम्बर क्या परेशानी में उम्मत छोड़ सकता है
आँखों से माँगने लगे पानी वज़ू का हम
काग़ज़ पे जब भी देख लिया माँ लिखा हुआ
ऐ अँधेरे! देख ले मुँह तेरा काला हो गया
माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया
Maa Shayari 2 Lines
बरबाद कर दिया हमें परदेस ने मगर
माँ सबसे कह रही है कि बेटा मज़े में है
ख़ुद को इस भीड़ में तन्हा नहीं होने देंगे
माँ तुझे हम अभी बूढ़ा नहीं होने देंगे
मेरे चेहरे पे ममता की फ़रावानी चमकती है
मैं बूढ़ा हो रहा हूँ फिर भी पेशानी चमकती है
ये ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता,
मैं जब तक घर न लौटूं, मेरी माँ सज़दे में रहती है
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