Hindi Kala presents Ghazal maestro Jagjit Singh ‘s collection of his songs, ghazals, and his Music.
About Jagjit Singh
जगजीत सिंह, सबसे प्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायकों में से एक है, ग़ज़लों और अन्य मधुर गीतों की भावपूर्ण प्रस्तुतियों के लिए जाने जाते हैं। 1941 में राजस्थान में जन्मे, सिंह ने 1960 के दशक में अपने संगीत करियर की शुरुआत की और गायन की उनकी अनूठी शैली ने जल्द ही उन्हें घर-घर में पहचान दिला दी।
1970 के दशक में सिंह के संगीत करियर ने उड़ान भरी और वह अपनी ग़ज़लों और रोमांटिक गीतों के लिए लोकप्रिय हो गए। उनकी गहरी, गूंजती आवाज का श्रोताओं पर शांत प्रभाव पड़ता था और उनके गीत अक्सर दिल को छू जाते थे। उनकी कुछ सबसे प्रसिद्ध ग़ज़लों में “तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो,” “झुकी झुकी सी नज़र,” “कोई फरियाद,” और “होश वालों को खबर क्या” शामिल हैं। उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मी गाने भी गाए, जैसे “तुमको देखा तो ये ख्याल आया” और “झूम बराबर झूम”।
जगजीत सिंह की गायन शैली विशिष्ट और तुरंत पहचानने योग्य थी। उनकी ग़ज़लों को अक्सर धीमी गति, लय पर माधुर्य पर ध्यान केंद्रित करने और अपनी आवाज़ के माध्यम से भावनाओं को व्यक्त करने का उनका अनूठा तरीका बताया जाता था। उनके पास जटिल उर्दू शायरी को व्यापक दर्शकों तक पहुँचाने की प्रतिभा थी, और उनका संगीत विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं के बीच एक सेतु बन गया।
इन वर्षों में, जगजीत सिंह भारतीय संगीत उद्योग में एक आइकन बन गए, और उनकी विरासत संगीतकारों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रही। संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान मिले, जिनमें भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण भी शामिल है। उन्हें साहित्य में उनके योगदान के लिए 1998 में साहित्य अकादमी पुरस्कार और संगीत में उनके योगदान के लिए 2008 में लता मंगेशकर सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।
जगजीत सिंह के संगीत ने लाखों लोगों के दिलों को छू लिया और उनकी अनूठी गायन शैली और भावपूर्ण आवाज आज भी लोगो के दिल में उतरती है। उन्हें हमेशा भारतीय संगीत इतिहास के सबसे प्रतिभाशाली और प्रभावशाली पार्श्व गायकों में से एक के रूप में याद किया जाएगा।
Jagjit Singh’s Ghazals/Songs | जगजीत सिंह के ग़ज़ल/गाने
Arth (1982) – Tum Itna Jo Muskura Rahe Ho | कैफ़ी आज़मी – तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो | Ghazal